विश्वविद्यालयी शिक्षा में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों के समन्वय, निर्धारण और रख-रखाव के लिए 1956 में संसद के एक अधिनियम द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना की गई थी। अब विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उच्चतर शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिदेश में निम्नलिखित शामिल हैं:
विश्वविद्यालयी शिक्षा को बढ़ावा देना और समन्वय बनाना।
विश्वविद्यालयों में शिक्षण, परीक्षा और अनुसंधान के मानकों का निर्धारण और रख-रखाव करना।
शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर नियम बनाना।
महाविद्यालय शिक्षा से संबंधी और विश्वविद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में विकास की निगरानी करना।
विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान वितरित करना।
संघ और राज्य सरकारों और उच्चतर शिक्षा संस्थानों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करना।
विश्वविद्यालयी शिक्षा में सुधार के लिए आवश्यक उपायों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देना।
उच्चतर शिक्षा में धन आवंटित करने और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के दौरान, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग संस्थानों की शैक्षणिक स्वतंत्रता और संस्थागत स्वायत्तता सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, संस्थानों से जनता के प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह होने की भी अपेक्षा की जाती है।
हम अगली पीढ़ी की नई प्रतिभाओं को पोषित करने और देश और दुनिया के लाभ के लिए नए ज्ञान का सृजन करने में अपने विश्वविद्यालयों की विश्वस्तरीय संस्थान बनने की आकांक्षा का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं आपके विचारों का स्वागत करता हूं और आपके दृढ़ समर्थन की आशा करता हूं।
हमारे काम की प्रगति और अन्य पहलों के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया हमारी वेबसाइट के विभिन्न अनुभागों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वार्षिक रिपोर्ट देखें।