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नैक

विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक)


देश में विश्‍वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सितंबर 1994 में बैंगलोर में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) की स्थापना की गई थी। नैक के अधिदेश में देश में विश्‍वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रदर्शन मूल्यांकन, आकलन और मान्यता का कार्य शामिल है। नैक का दर्शन दंडात्मक या निर्णयात्मक होने के बजाय उद्देश्यपूर्ण और निरंतर सुधार पर आधारित है ताकि उच्चतर शिक्षा के सभी संस्थान अपने संसाधनों, अवसरों और क्षमताओं को अधिकतम करने के लिए सशक्त हों। मूल्यांकन किसी संस्थान और/या उसकी इकाइयों का प्रदर्शन मूल्यांकन है और इसे परिभाषित मानदंडों का उपयोग करके स्व-अध्ययन और सहकर्मी समीक्षा पर आधारित प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया जाता है। प्रत्यायन का तात्पर्य नैक द्वारा दिए गए प्रमाणीकरण से है जो पाँच वर्ष की अवधि के लिए वैध होता है। वर्तमान में नैक द्वारा मूल्यांकन और प्रत्यायन स्वैच्छिक आधार पर किया जाता है।


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