अंतर्विश्वविद्यालय केन्‍द्र

इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (पूर्व में परमाणु विज्ञान केंद्र के नाम से जाना जाता था

वि.अ.आ. वर्ष 1984 से स्वायत्त केंद्र स्थापित कर रहा है, जब पहली बार अनुसंधान के लिए समान सुविधाएं प्रदान करने के लिए और विश्वविद्यालयों को विभिन्न सेवाएं और कार्यक्रम मुहैया कराने के लिए स्थापित किया गया था, क्योंकि इन सुविधाओं को प्राप्त करने के लिए बुनियादी ढांचे और आगतों में भारी निवेश करना प्रत्‍येक विश्वविद्यालय की पहुंच से परे होता है। निम्‍नवत अंतर्विश्वविद्यालय केन्‍द्र स्‍थापित किए गए केंद्रों में से एक केन्‍द्र है:

  • इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर
  • पोस्ट बॉक्स नं. 10502 अरुणा असफ अली मार्ग,
    नई दिल्ली- 110 067.

इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर वर्ष 1984 में वि.अ.आ. द्वारा स्थापित किया जाने वाला पहला अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र था। इस केंद्र का प्राथमिक उद्देश्य विश्वविद्यालय प्रणाली के भीतर त्वरक आधारित शोध के लिए एक विश्वस्तरीय सुविधाएं स्थापित करना है। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालयों, आईआईटी और अन्य शोध संस्थानों के सहयोग से अनुसंधान और विकास के सामान्य शोध कार्यक्रम तैयार करना है। यह प्रयोगात्मक विज्ञान और ज्ञान की अन्य शाखाओं में समूह क्रियाकलापों और मानव अनुसंधान विकास को बढ़ावा देता है।


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अंतर्विश्‍वविद्यालय खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केन्‍द्र
  • अंतर्विश्‍वविद्यालय
  • खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी केन्‍द्र (आईयूसीएए), पुणे
    पोस्ट बैग 4, गणेशखिंड,
    पुणे - 411 007.

आईयूसीएए, पुणे को वर्ष 1988 में विश्वविद्यालय के क्षेत्र में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी में अनुसंधान और विकास क्रियाकलापों को आरंभ करने और उन्‍हें पोषित करने में मदद करने के लिए उत्कृष्टता के एक स्वायत्त केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। आईयूसीएए को विश्वविद्यालय विभागों और महाविद्यालय में पर्याप्त रूप से कवर न किए गए विषयों के लिए उन्नत केंद्रीकृत सुविधाएं प्रदान करने के मूल उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था। .


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वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वि.अ.आ.-डीएई कंसोर्टियम, इंदौर (1989)
  • वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वि.अ.आ.-डीएई कंसोर्टियम, इंदौर
  • विश्वविद्यालय परिसर, खंडवा रोड,
    इंदौर - 452 017 (मध्‍य प्रदेश).

वि.अ.आ.-डीएई की स्‍थापना वर्ष 1990 में परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा स्थापित प्रमुख अनुसंधान सुविधाओं जैसे मुंबई के ध्रुव रिएक्टर, कोलकाता में वीईसीसी और इंदौर में सिन्क्रोट्रॉन विकिरण स्रोत का इष्टतम उपयोग करने के लिए संस्थागत ढांचा प्रदान करके भारतीय विश्वविद्यालयों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में सक्षमता को विकसित करने और अनुसंधान को बढ़ावा देने के व्यापक उद्देश्य के साथ की गई थी। किसी भी विश्वविद्यालय से वैज्ञानिकों द्वारा आईयूसी की सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है।


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शैक्षणिक संचार के लिए कंसोर्टियम (सीईसी) (1993)
  • शैक्षणिक संचार के लिए कंसोर्टियम (सीईसी)
  • अरुणा असफ अली मार्ग,
    नई दिल्ली - 110 067 .

शैक्षिक संचार के लिए कंसोर्टियम जो सीईसी के रूप में विख्‍यात है जोकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थापित अंतर्विश्‍वविद्यालय केन्‍द्रों में से एक है। यह उभरती हुई सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के उचित उपयोग के साथ टेलीविजन के शक्तिशाली माध्यम का उपयोग कर उच्चतर शिक्षा की आवश्‍यकताओं की पूर्ति करने के लक्ष्य के साथ स्थापित किया गया है। .

शैक्षिक ज्ञान के प्रसार के साधन के रूप में टेलीविजन की क्षमता और शक्ति को समझते हुए, वि.अ.आ. ने वर्ष 1984 में देशव्यापी कक्षा कार्यक्रम शुरू किया था । शैक्षिक कार्यक्रमों को तैयार करने के लिए, शुरुआत में 6 विश्वविद्यालयों में मीडिया केंद्र स्थापित किए गए थे। इसके पश्‍चात् सीईसी को वर्ष 1993 में अपने मीडिया केंद्रों के माध्यम से ऐसे शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करने हेतु समन्वय, मार्गदर्शन और सुविधा प्रदान करने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था। आज, 22 मीडिया केंद्र जिन्‍हें अब शैक्षणिक मल्टीमीडिया रिसर्च सेंटर (ईएमआरसी) के रूप में जाने जाते हैं, सीईसी के तत्‍वाधान में इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं जिन्‍हें नीचे सूचीबद्ध किया गया है:-

  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • सेन्ट जेवियर कालेज, कोलकाता
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • सेन्ट्रल इन्स्टीटयूट ऑफ फारेन लैंग्वेज,हैदराबाद
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय,जोधपुर
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • मदुरई कामराज विश्वविद्यालय, मदुरई
  • मास कम्यूनीकेशन रिसर्च सेंटर
  • जामिया मिलिया इस्लामिया,नई दिल्ली
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • पुणे विश्वविद्यालय, पुणे
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • ओस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • अन्ना विश्वविद्यालय, चिन्नेई
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • मणिपुर विश्वविद्यालय, इंफाल
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • संचार और जनसंचार विभाग, मानसगंगोत्री, मैसूर
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • रूणकी विश्वविद्यालय,, रूणकी
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • कश्मीर विश्वविद्यालय, कश्मीर
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • कालीकट विश्वविद्यालय, केरल
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • डॉ0 हरि सिंह गौड़ विश्वविद्यालय, सागर (मध्यप्रदेश)
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • राष्ट्रीय सामाजिक कार्य और सामाजिक विज्ञान संस्थान (एनआईएसडब्ल्यूएएसएस), भुवनेश्वर
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय, डिब्रूगढ़
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • मगध विश्वविद्यालय, गया, बिहार
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ
  • एजूकेशनल मीडिया रिसर्च सेन्टर
  • पुदुचेरी विश्वविद्यालय, पुदुचेरी

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सूचना और ग्रंथालय नेटवर्क केंद्र (इन्फ्लिबनेट)
  • सूचना और ग्रंथालय नेटवर्क केंद्र (इन्फ्लिबनेट)
    (वर्ष 1991 में तैयार की गई एक परियोजना के अंतर्गत स्थापित और वर्ष 1996 में सोसाइटी के रूप में निगमित)
  • इन्फ्लिबनेट इन्फोसिटी गांधीनगर,
    गुजरात -382 007

वि.अ.आ. के एक अंतर्विश्‍वविद्यालय केन्‍द्र, के रूप में इन्‍फिलबनेट ग्रंथालयों के आधुनिकीकरण की दिशा में कार्य करता है, लगभग 264 विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, और अनुसंधान और विकास संस्थानों में पुस्तकालयों के राष्ट्रीय नेटवर्क के माध्यम से छात्रवृत्तियों और शिक्षण और शैक्षिणक क्रियाकलापों को सहायता प्रदान करते हुए सूचना के अंतरण तथा सूचना तक पहुंच बनाने के लिए सूचना केंद्र के रूप में कार्य करता है।


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अध्‍यापक शिक्षा हेतु अंतर्विश्‍वविद्यालय केन्‍द्र
  • अध्‍यापक शिक्षा हेतु अंतर्विश्‍वविद्यालय केन्‍द्र
  • आईयूसीटीई, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (वि.अ.आ.) ने अधिनियम की धारा 12 (गगग) के तहत विश्वविद्यालयों और संस्थानों के एक समूह को सेवाएं और कार्यक्रम प्रदान करने के लिए स्वायत्त संस्थान स्थापित किया है। देश में आईयूसीएए, आईयूएसी, वि.अ.आ.- डीएई सीएसआर, सीईसी, इन्फ्लिबनेट, आईयूसीआईएस, एनएएसी जैसे अंतर्विश्‍वविद्यालय केन्‍द्र (आईयूसी) अपने विशिष्‍टता के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। बीएचयू, वाराणसी में स्‍थापित अध्‍यापक शिक्षा हेतु अंतर्विश्‍वविद्यालय केन्‍द्र (आईयूसीटीई) को दिनांक 25 दिसंबर 2014 को बीएचयू में माननीय प्रधान मंत्री द्वारा आरंभ किया गया इसका सबसे नवीनतम संस्करण है, शिक्षक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना।


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राष्ट्रीय मूल्‍यांकन और प्रत्‍यायन परिषद् (एनएएसी)
  • राष्ट्रीय मूल्‍यांकन और प्रत्‍यायन परिषद् (एनएएसी)
  • पोस्‍ट बाक्‍स् नम्‍बर 1075, नगरभावी,
    बंगलुरू- 560072.

देश में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा सितंबर 1994 में बंगलुरू में राष्ट्रीय मूल्‍यांकन और प्रत्‍यायन परिषद् (एनएएसी) की स्थापना की गई थी। एनएएसी के अधिदेश में देश में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के निष्‍पादन का मूल्यांकन करना और विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों का मूल्यांकन और प्रत्‍यायन करने का कार्य शामिल है। एनएएसी का दर्शन सिद्धांत दंड देने अथवा गुण- दोष विवेचन की बजाय निष्‍पक्ष और निरंतर सुधार पर आधारित है, ताकि उच्चतर शिक्षा के सभी संस्थानों को अपने संसाधनों, अवसरों और सक्षमताओं का अधिकाधिक विस्‍तार करने के लिए सशक्‍त किया जा सके। मूल्‍यांकन एक संस्थान और / अथवा इसकी इकाइयों के निष्‍पादन का मूल्यांकन है और इसे परिभाषित मानदंडों का उपयोग करके आत्म-अध्ययन और सहकर्मी समीक्षा के आधार पर एक प्रक्रिया के माध्यम से पूरा किया जाता है। प्रत्‍यायन का अभिप्राय एनएएसी द्वारा किए गए प्रमाणीकरण से है जो कि पांच वर्ष की अवधि के लिए मान्य होता है। वर्तमान में, एनएएसी स्वैच्छिक आधार पर द्वारा मूल्‍यांकन और प्रत्‍यायन किया जाता है।


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